देश देशांतर मे आज बात करेंगे सरोगेसी विधेयक 2019 की। देश में व्यावसायिक मकसद के लिये सरोगेसी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिये संसद में सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 लाया गया। इसका उद्देश्य सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने और निसंतान दंपतियों को संतान का सुख दिलाना है। ऐसा देखा गया कि सरोगेसी के नाम पर अनैतिक व्यवहार, सरोगेट माताओं का शोषण और मानव भ्रूण के आयात जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। इस बिल के जरिए नेशनल सरोगेसी बोर्ड और स्टेट सरोगेसी बोर्ड के गठन की बात कही जा रही है.. इतना ही नहीं सरोगेसी की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है। सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 के अनुसार सरोगेसी की सुविधा सिर्फ उन्ही दंपत्तियों को मिलेगी जिनकी शादी को पांच साल या उससे ज्यादा हुए हो और ये एक सुविधा उनको एक ही बार मिलेगी। बिल के नये नियमो की अनदेखी करने वालो को दस साल की सजा और 10 लाख जुर्माने का भी प्रावधान है। इस बिल के कई और प्रावधान है जिनको आज समझने के साथ ये भी समझने की कोशिश होगी कि ये कितने व्यवहारिक है।
Guests: Rekha Aggarwal, Advocate, Aditi Tandon, Special Correspondent, The Tribune, Dr. Shivani Sachdev Gour, General Secretary, INSTAR (Indian Society For Third Party Assisted Reproduction),
Anchor: Ghanshyam Upadhyay
Producer: Sagheer Ahmad
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